



रिपोर्टर – सूरज साहू धमतरी छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के दुगली गाँव—जो पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा गोद लिया गया था—वहां शिक्षक की माँग को लेकर स्कूली बच्चों और उनके पालकों ने मोर्चा खोल दिया।
गाँव की गलियों में नारेबाजी करते हुए रैली निकाली गई, स्कूल में तालाबंदी की गई और धमतरी-नगरी मार्ग पर चक्काजाम कर दिया गया।
करीब आधे घंटे चले इस प्रदर्शन के बाद प्रशासन को मौके पर पहुंचकर आश्वासन देना पड़ा, तब जाकर जाम समाप्त हुआ। शिक्षा विभाग ने 2 से 3 दिन में शिक्षक नियुक्ति की बात कही है।
दुगली गाँव का यह स्कूल ब्रिटिश काल से संचालित है, लेकिन वर्तमान में यहां सिर्फ एकमात्र शिक्षक शशि कश्यप ही पदस्थ हैं।
85 छात्र, जिनमें विशेष पिछड़ी जनजाति ‘कमार’ के बच्चे भी शामिल हैं, एक ही शिक्षक के भरोसे पढ़ाई कर रहे हैं।
शिक्षक की कमी से परेशान पालकों ने शुक्रवार सुबह स्कूल में तालाबंदी कर दी।
छात्र हाथों में तख्तियां लेकर नारेबाजी करते हुए गाँव की गलियों में रैली निकाली और सड़क पर बैठ गए।
नगरी और धमतरी मार्ग पर जाम के चलते यातायात प्रभावित हुआ।
रामेश्वर मरकाम, सरपंच, ग्राम पंचायत दुगली
श्यामाचरण मंडावी, पालक
कलावती मरकाम, जनपद सदस्य, नगरी
विकास मंडावी, छात्र
(बाइट्स में प्रमुख बातें: “हमारे बच्चे पिछड़ रहे हैं”, “जब तक शिक्षक नहीं आएंगे, धरना जारी रहेगा”)
जैसे ही प्रदर्शन ने उग्र रूप लिया, मौके पर तहसीलदार, पुलिस बल और स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी पहुंचे।
काफी समझाइश और बातचीत के बाद प्रशासन ने तीन दिन में शिक्षक की व्यवस्था का आश्वासन दिया, तब जाकर जाम खत्म हुआ।
कलीराम साहू, बीईओ नगरी
“हम बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं होने देंगे, जल्द शिक्षक पदस्थ करेंगे।”)
🎙️ क्लोजिंग वीओ:
फिलहाल प्रशासन के आश्वासन पर पालक और बच्चे मान तो गए हैं, लेकिन सवाल यही है कि
“क्या यह व्यवस्था स्थायी होगी?”
और
“क्या हर गाँव के बच्चों को शिक्षक के लिए चक्काजाम करना पड़ेगा?”