

📍राजनांदगांव | रिपोर्ट: शशिकांत सनसनी
राजनांदगांव शहर के वार्ड क्रमांक 25 स्थित गुडाखू लाइन बाजार में वर्षों पूर्व ग्राहकों की सुविधा हेतु बनवाया गया सार्वजनिक सुलभ शौचालय आज खुद ही अतिक्रमण की चपेट में आ चुका है। हैरानी की बात यह है कि इस सरकारी शौचालय के छत पर एक व्यापारी ने अवैध रूप से बिल्डिंग बनाकर अपनी जूते-चप्पलों की दुकान “सुनील फुटवेयर” चला रखी है।
जहाँ यह शौचालय आम जनता, खासकर महिलाओं के लिए राहत देने वाला स्थान होना चाहिए था, वहीं आज यह एक कमर्शियल सेंटर में तब्दील हो चुका है।
🏗️ छत पर बना लिया गोदाम और शोरूम!
शहर के बीचों-बीच मुख्य बाजार क्षेत्र में मौजूद इस सुलभ शौचालय पर “सुनील फुटवेयर” के संचालक ने वर्षों पहले छत पर अवैध रूप से पक्की बिल्डिंग बनाकर उसमें दुकान और गोदाम स्थापित कर रखा है। इससे न केवल शौचालय की मूल संरचना क्षतिग्रस्त हुई है, बल्कि लाखों का किराया बचाकर सार्वजनिक संपत्ति का निजी दुरुपयोग भी हो रहा है।
😡 शिकायतों के बावजूद कार्रवाई नहीं!
स्थानीय नागरिकों और पूर्व पार्षद शरद सिन्हा द्वारा कई बार इस विषय पर नगर निगम आयुक्त, एसडीएम और कलेक्टर को लिखित और मौखिक शिकायत दी जा चुकी है, लेकिन अभी तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई।
अब सवाल उठ रहा है कि क्या सुनील फुटवेयर को किसी राजनीतिक या प्रशासनिक संरक्षण का लाभ मिल रहा है?
🧍♀️ महिलाओं को हो रही सबसे ज्यादा परेशानी
इस बाजार में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में महिला ग्राहक पहुंचती हैं, लेकिन सुलभ शौचालय के निजी दुकान में तब्दील हो जाने से उन्हें भारी असुविधा का सामना करना पड़ता है। खासकर बुजुर्ग और बीमार व्यक्तियों के लिए यह स्थिति गंभीर बन गई है।
🗣️ क्या कहते हैं वार्ड के पार्षद जनप्रतिनिधि?
वार्ड पार्षद श्रीमती वर्षा शरद सिन्हा, जो नगर निगम की महिला एवं बाल कल्याण समिति की सदस्य भी हैं, ने कहा है कि:
“सरकारी संपत्ति पर अवैध कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। संबंधित अधिकारियों से चर्चा कर शीघ्र ही ‘सुनील फुटवेयर’ द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटाकर शौचालय का नवीन निर्माण और उपयोग के लिए सुचारु संचालन किया जाएगा।”
❓आम जनता अब प्रशासन से पूछे रहे सवाल
- क्या सार्वजनिक संपत्ति पर निजी व्यापार वैध है?
- क्यों अब तक अवैध निर्माण नहीं हटाया गया?
- कौन हैं वे अधिकारी या नेता जो इस अतिक्रमण को संरक्षण दे रहे हैं?
- शहर की जनता के बुनियादी अधिकारों की रक्षा कब होगी?
शहर की हृदयस्थली में मौजूद यह अतिक्रमण न सिर्फ शासन की निष्क्रियता का प्रतीक है, बल्कि यह दर्शाता है कि जनता के अधिकारों से बड़ा व्यापारी और राजनीतिक गठजोड़ होता जा रहा है। यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो यह मामला शहर के गौरव पर कलंक बन सकता है।