🖋️ रिपोर्ट: शशिकांत सनसनी प्रेस रिपोर्टर क्लब छत्तीसगढ़
शहर और जिले में फर्जी पत्रकारों की बढ़ती सक्रियता और ब्लैकमेलिंग की घटनाओं से त्रस्त आमजन को अब राहत मिलने वाली है। भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने ऐसे फर्जी पत्रकारों, चैनलों और अखबारों पर शिकंजा कसने की तैयारी पूरी कर ली है।
🔎 जानकारी के अनुसार, उन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी, जो बिना किसी वैध पंजीयन अथवा आर.एन.आई. (RNI) रजिस्ट्रेशन के खुद को पत्रकार बताकर उगाही, धमकी और दलाली कर रहे हैं।
इन पर होगी सख्त कार्रवाई:
बिना RNI रजिस्टर्ड अखबार/पत्रिका चलाने वाले
फर्जी न्यूज चैनल/यू-ट्यूब चैनल/वेब पोर्टल से जुड़े तथाकथित पत्रकार
जाली प्रेस आईडी धारक
ब्लैकमेलिंग और दलाली में लिप्त लोग जो पत्रकारिता का दुरुपयोग कर रहे हैं
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के निर्देशानुसार, अब केवल वही मीडिया संस्थान पत्रकारों की नियुक्ति कर सकेंगे जो कि भारत सरकार से मान्यता प्राप्त (RNI या Ministry of I&B से रजिस्टर्ड) हों।
💡 खास बात यह है कि इंटरनेट पर चल रहे अधिकांश न्यूज पोर्टलों के लिए अभी तक सूचना मंत्रालय ने कोई वैध पंजीयन व्यवस्था नहीं बनाई है, अतः ऐसे पोर्टलों द्वारा नियुक्त कोई भी “पत्रकार” अवैध श्रेणी में माना जाएगा।
⚠️ प्रेस कार्ड जारी करने के नियम:
- केवल RNI या सूचना मंत्रालय से पंजीकृत संस्थान ही संवाददाता नियुक्त कर सकते हैं।
- केवल संस्था का संपादक अधिकृत प्रेस कार्ड जारी कर सकता है।
- केबल टीवी, यूट्यूब चैनल, या इंटरनेट पोर्टल – कोई भी पत्रकार नियक्ति अथवा ID जारी नहीं कर सकते।
फर्जी पत्रकारों से ईमानदार पत्रकारों की छवि धूमिल
पत्रकारिता के पवित्र पेशे को कलंकित करने वाले इन फर्जी पत्रकारों के कारण ईमानदार और वास्तविक पत्रकारों की छवि भी धूमिल हो रही है।
इन हालातों के बीच, प्रेस रिपोर्टर क्लब छत्तीसगढ़ ने शासन प्रशासन को एक प्रमुख समाचार प्रकाशित अवगत करवाने का काम किया था, जिसे आम जनता से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों तक ने सराहा था।
📢 अब होगी सख्ती — राज्य सरकारों को निर्देश जारी
सूत्रों के अनुसार, भारत सरकार ने सभी राज्यों के सूचना और जनसंपर्क विभागों को निर्देश जारी कर दिए हैं कि:
फर्जी पत्रकारों की पहचान कर उनके खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज की जाए।
प्रेस के नाम पर अवैध उगाही करने वालों पर तत्काल गिरफ्तारी की कार्रवाई सुनिश्चित हो।
फर्जी चैनलों और आईडी कार्ड्स को लेकर जांच और निगरानी अभियान शुरू किया जाए।
✅ जनता को सलाह:
👉 किसी भी पत्रकार के प्रेस कार्ड को जांचें कि वह किसी वैध मीडिया संस्था से जुड़ा है या नहीं।
👉 किसी प्रकार की ब्लैकमेलिंग, धमकी या अवैध मांग की स्थिति में पुलिस और जिला प्रशासन को तुरंत सूचना दें।
प्रेस रिपोर्टर क्लब छत्तीसगढ़ पंजीयन क्रमांक 6417 प्रदेश का पत्रकार संगठन जो की छत्तीसगढ़ के सभी जिले के कलेक्टर, एसपी और जनसम्पर्क से निवेदन करता है की अपने शहर या ग्रामीण क्षेत्रों मे बिना भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के द्वारा आरएनआई नहीं मिला है और माइक आईडी लेकर घूम कर पत्रकार की तरह काम कर रहे है उन लोगों की पहचान कर जल्द से जल्द कार्यवाही करें ताकि जिले और प्रदेश मे पत्रकारों की छबि धुंधली ना हो
📌 पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है, परंतु इसकी आड़ में हो रही फर्जी गतिविधियों पर लगाम लगाना समय की आवश्यकता है। सरकार के इस कदम से पत्रकारिता का सम्मान और विश्वास फिर से स्थापित होने की उम्मीद की जा रही है।