राजनांदगांव के गुरु कृपा गोदाम में 9 करोड़ का घोटाला, 10 अपराधियों तक आखिर कब पहुंचेगी पुलिस?

राजनांदगांव।
करीब तीन साल पहले सामने आए तेंदूपत्ता घोटाले में अब तक कार्रवाई के नाम पर सिर्फ फाइलों का आदान-प्रदान हुआ है। वन विभाग के गुरु कृपा गोदाम में तेंदूपत्ता की हेराफेरी से जुड़ा यह मामला लगभग 9 करोड़ रुपये के घोटाले का है, जिसकी जांच में भारी ढील और विभागीय चुप्पी अब सवालों के घेरे में है।
हाल ही में वन विभाग ने तीन साल बाद अपराधियों की सूची तैयार कर फाइल पुलिस विभाग को सौंप दी है। बताया जा रहा है कि 10 प्रमुख आरोपियों के नाम चिन्हित कर पुलिस को सौंपे गए हैं, लेकिन पुलिस की सक्रियता नदारद है।
इस पूरे मामले को उजागर करने में पत्रकारों की भूमिका अहम रही, जिन्होंने लगातार शासन-प्रशासन का ध्यान इस घोटाले की ओर दिलाया। लेकिन पत्रकारों को इसके बदले में जान से मारने की धमकियां तक मिलीं। यह स्थिति बताती है कि घोटालेबाज अब भी प्रभावशाली और सुरक्षित हैं।
पुलिस की चुप्पी और वन विभाग की लापरवाही इस बात की ओर इशारा कर रही है कि शायद जानबूझकर मामले को लटकाया जा रहा है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या रेंजर, डिप्टी रेंजर, गोदाम प्रभारी, सहायक प्रभारी या फिर पूर्व वन मंडल अधिकारी इस घोटाले को दबाने का प्रयास कर रहे हैं?
छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने बयान में कहा है कि “अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा”, लेकिन जमीनी हकीकत में पुलिस की निष्क्रियता इस बयान को खोखला साबित कर रही है।
अब देखने वाली बात यह है कि क्या पुलिस इन 10 अपराधियों को गिरफ्तार कर न्याय के कटघरे में लाएगी या फिर पत्रकारों को ही बार-बार सरकार से सवाल पूछते रहना पड़ेगा।
— लाल टोपी राजू सोनी
राजनांदगांव