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🖊️ रिपोर्टर: शशिकांत देवांगन, राजनांदगांव (छत्तीसगढ़)
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छत्तीसगढ़ प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ ने राज्य सरकार के खिलाफ अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर आज जोरदार प्रदर्शन किया। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्यरत 16 हजार संविदा कर्मचारियों ने रायपुर में एकजुट होकर अपनी आवाज बुलंद की। उन्होंने सरकार को चेताया कि यदि जल्द ही उनकी माँगें पूरी नहीं हुईं, तो 2029 के विधानसभा चुनाव में सरकार को सत्ता से बेदखल करने में कोई संकोच नहीं किया जाएगा।
संघ ने सरकार का ध्यान मुख्यतः दो प्रमुख मांगों पर केंद्रित किया —
1️⃣ संविलियन एवं स्थायीत्व: एनएचएम के अनुभवी संविदा कर्मियों को अन्य राज्यों की तरह नियमित किया जाए। शिक्षा विभाग की तर्ज पर स्वास्थ्य विभाग में भी संविलियन हो।
2️⃣ पब्लिक हेल्थ कैडर: केंद्र सरकार की नीति के अनुरूप छत्तीसगढ़ में भी पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना हो, जिससे स्वास्थ्य सेवा में स्थायित्व और गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके।
➡️ ग्रेड पे निर्धारण – समान कार्य के लिए समान वेतन की नीति लागू करते हुए ग्रेड पे तय किया जाए।
➡️ कार्य मूल्यांकन में पारदर्शिता – कर्मचारी के CR को व्यक्तिगत दुश्मनी के आधार पर बिगाड़ने की घटनाएं रोकी जाएं।
➡️ 27% लंबित वेतन वृद्धि – जुलाई 2023 में घोषित वृद्धि अब तक लागू नहीं की गई, जबकि अन्य योजनाओं में यह दे दी गई है।
➡️ भर्तियों में 50% आरक्षण – स्थायीत्व की नीति बनने तक NHM कर्मियों के लिए 50% सीट आरक्षित की जाए।
📋 अन्य प्रमुख मांगें:
7️⃣ अनुकंपा नियुक्ति – मृत कर्मियों के परिजनों को नौकरी दी जाए।
8️⃣ मेडिकल अवकाश और मातृत्व लाभ – नियमित कर्मियों जैसी सुविधाएं संविदा कर्मियों को भी मिले।
9️⃣ स्थानांतरण नीति – मानवीय आधार पर पारदर्शी ट्रांसफर पॉलिसी लागू हो।
🔟 कैशलेस मेडिकल बीमा – 10 लाख तक की इलाज सुविधा मिले ताकि गंभीर बीमारी या दुर्घटना की स्थिति में राहत मिल सके।
📢 कर्मचारी संघ की चेतावनी:
“हमने लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात सरकार तक पहुंचा दी है। यदि माँगें नहीं मानी गईं, तो हम 2029 के चुनाव में सरकार बदलने को बाध्य होंगे।”
कर्मचारियों ने सरकार से अपील की है कि वे अपने 16 हजार कर्मचारियों और उनके परिवारों की सुध लें, ताकि वे बिना असुरक्षा और आर्थिक संकट के जनता की सेवा कर सकें।