वृंदा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा ग्राम बिरेझर में जेसीबी से सैकड़ों पेड़ों की निर्मम हत्या – वन विभाग मौन!
लाल टोपी राजू सोनी,
राजनांदगांव। विकासखंड अंतर्गत ग्राम मगरलोटा के आश्रित ग्राम बिरेझर में वृंदा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने पेड़ों पर ऐसा कहर ढाया कि पूरा गांव हक्का-बक्का रह गया। जेसीबी मशीन की गरज के बीच सड़क किनारे लगे सैकड़ों हरे-भरे पेड़ों को बेरहमी से काट डाला गया।
एक तरफ भाजपा सरकार “एक पेड़ मां के नाम” अभियान चलाकर नागरिकों को हरियाली बचाने की सीख दे रही है, वहीं दूसरी ओर निजी कंपनियों को जंगल उजाड़ने की खुली छूट मिलती दिखाई दे रही है। क्या यह दोहरी नीति नहीं?
ग्राम पंचायत के उपसरपंच नेमचंद साहू और ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग द्वारा वर्षों पहले सड़क किनारे वृक्षारोपण किया गया था। ये पेड़ अब बड़े हो चुके थे, लेकिन वृंदा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने पंचायत की एनओसी या जानकारी लिए बिना, रातों-रात इनकी बलि चढ़ा दी। ग्रामीणों ने विरोध कर कटाई रुकवाई, लेकिन तब तक सैकड़ों पेड़ धराशायी हो चुके थे।
ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है। सवाल यह है कि जब एक पेड़ काटने पर भी जुर्माना और अनुमति की प्रक्रिया होती है, तो जेसीबी से सैकड़ों पेड़ों का कत्लेआम करने पर वन विभाग खामोश क्यों है?
लाल टोपी राजू सोनी राजनांदगांव
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