



शशिकांत सनसनी राजनांदगाँव छत्तीसगढ़
शहर के मानव मंदिर चौक से इंदिरा नगर चौक तक बनाई गई करोड़ों की सड़क पहली ही बारिश में दम तोड़ गई। छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष और राजनांदगांव विधायक डॉ. रमन सिंह के विधानसभा क्षेत्र की यह सड़क सिर्फ दिखावे की विकास योजनाओं की पोल खोल रही है। सड़क के उखड़ते डामर, गड्ढे और राहगीरों के जूतों में चिपकती परतें – सब कुछ इस बात का प्रमाण हैं कि निर्माण कार्य में भारी लापरवाही बरती गई है।
नगर निगम द्वारा अधोसंरचना मद के अंतर्गत शहर की सड़कों के डामरीकरण हेतु 10 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई थी। ठेकेदार मे. संजय सिंगी को मानव मंदिर चौक, गांधी चौक, आज़ाद चौक, इंदिरा नगर चौक सहित अन्य मार्गों के डामरीकरण का कार्यादेश दिया गया था। लेकिन मानव मंदिर चौक से दुर्गा चौक तक बनी सड़क पहली बारिश में ही उखड़ गई।
आयुक्त अतुल विश्वकर्मा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्यपालन अभियंता यू.के. रामटेके के माध्यम से ठेकेदार को नोटिस जारी करवाया है। यह चौथी बार है जब अप्रैल 2025 से मई 2025 के बीच ठेकेदार को इसी संबंध में नोटिस दिया गया, बावजूद इसके अब तक सुधार नहीं हुआ।
नोटिस में यह स्पष्ट किया गया है कि अनुबंध शर्तों के अनुसार ठेकेदार को सड़क निर्माण के उपरांत 3 वर्षों तक रख-रखाव और मरम्मत की जिम्मेदारी निभानी होती है। यदि निर्देश के बावजूद सुधार कार्य नहीं किया गया तो ठेकेदार की सुरक्षा निधि व परफॉर्मेंस राशि राजसात कर ली जाएगी और संपूर्ण जिम्मेदारी उसी की होगी।
जनता बेहाल, दुकान-घर तक ला रहे डामर
स्थानीय नागरिकों व दुकानदारों ने बताया कि सड़क की स्थिति इतनी खराब है कि पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। जूते-चप्पलों में डामर चिपककर घर तक जा रहा है, जिससे रोजाना सफाई की समस्या उत्पन्न हो रही है। लोगों का कहना है कि ठेकेदार पर कठोर कार्यवाही होनी चाहिए।
सवालों के घेरे में नगर निगम
शहर के बीचों-बीच खराब निर्माण कार्य को लेकर नगर निगम पर भी सवाल उठने लगे हैं। लोगों का आरोप है कि केवल नोटिस देकर मामले को लीपापोती की जा रही है।
छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल अध्यक्ष नीलू शर्मा का आवास भी इसी मार्ग पर है और डॉ. रमन सिंह स्वयं इस क्षेत्र के विधायक हैं। ऐसे में यह देखना अहम होगा कि क्या नगर निगम दोषियों पर कार्रवाई करेगा या यह मामला भी बाकी भ्रष्टाचारों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा?
डॉ. रमन सिंह ने खुद 42 सड़कों के निर्माण के लिए 10 करोड़ की सौगात देते हुए निर्माण की गुणवत्ता को लेकर सख्त निर्देश दिए थे। उन्होंने स्पष्ट कहा था कि अगर निर्माण कार्य में लापरवाही पाई गई तो ठेकेदार, अधिकारी और संबंधित कर्मचारी – सभी पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
अब सवाल यह उठता है – क्या छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष के विधानसभा क्षेत्र में यह सख्ती दिखेगी? या फिर एक बार फिर जनता को खराब सड़कें और भ्रष्टाचार की लकीरें ही नसीब होंगी?