🖊 रिपोर्टर: शशिकांत सनसनी छत्तीसगढ —
राजनांदगांव। शासकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल पेण्ड्री में डॉक्टरों की लापरवाही का एक और सनसनीखेज मामला सामने आया है। डोंगरगांव की रहने वाली कुसुम धीवर नामक गर्भवती महिला के पेट में तीन दिन पहले ही आठ माह के भ्रूण की मौत हो चुकी थी, लेकिन अब तक उसका ऑपरेशन नहीं किया गया। नतीजतन, महिला की हालत अब गंभीर बनी हुई है।
क्या है मामला?
डोंगरगांव निवासी कुसुम धीवर को तबीयत बिगड़ने पर पति के साथ अस्पताल ले जाया गया। वहां सोनोग्राफी से खुलासा हुआ कि पेट में पल रहे आठ माह के बच्चे की मौत पहले ही हो चुकी है। महिला की स्थिति गंभीर होती देख उसे राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज अस्पताल पेण्ड्री रिफर कर दिया गया।
गुरुवार शाम को मितानिन मीना यादव और परिजन महिला को मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे, जहां उसे भर्ती तो कर लिया गया, लेकिन डॉक्टरों ने महज औपचारिक जांच कर उसे नजरअंदाज कर दिया।
तीन दिन से मृत भ्रूण पेट में, नहीं हुआ ऑपरेशन
परिजनों का आरोप है कि महिला के पेट में तीन दिन पहले बच्चे की मौत हो चुकी है, बावजूद इसके अब तक न तो ऑपरेशन किया गया और न ही कोई प्रभावी इलाज। इससे महिला की स्थिति और अधिक नाजुक होती जा रही है।
सिस्टम की लापरवाही, डॉक्टरों की चुप्पी
अस्पताल में पहले भी इलाज में लापरवाही के चलते मरीजों की मौत हो चुकी है। अब एक और मामला सामने आया है, जहाँ अगर समय रहते मृत भ्रूण नहीं निकाला गया तो महिला की जान को भी खतरा हो सकता है। सवाल यह है कि जब लक्षण और रिपोर्ट से स्थिति साफ थी, तो डॉक्टरों ने तुरंत कार्रवाई क्यों नहीं की? क्या एक और जिंदगी यूँ ही सिस्टम की लापरवाही की भेंट चढ़ जाएगी?
