शराब घोटाले में छत्तीसगढ़ के दो कारोबारी गिरफ्तार, एसीबी की बड़ी कार्रवाई भ्रष्टाचार की जड़ तक पहुंचने में जुटी एजेंसी, अब तक 10 गिरफ्तारियां

शशिकांत सनसनी रायपुर/रांची।
झारखंड में सामने आए बहुचर्चित शराब घोटाले की जांच में सोमवार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने छत्तीसगढ़ से दो व्यापारियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपियों में रायपुर स्थित श्री ओम साई बेवरजेस प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर अतुल कुमार सिंह और मुकेश मनचंदा शामिल हैं। यह घोटाला अब अंतर्राज्यीय नेटवर्क का रूप लेता दिख रहा है।

पूछताछ के दौरान फंसे, जवाब नहीं दे पाए

सूत्रों के मुताबिक, ACB ने पहले दोनों कारोबारियों को पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन जब उनके जवाब संतोषजनक नहीं पाए गए, तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों को रिमांड पर लेकर आगे की गहन पूछताछ की जाएगी।

अब तक इस घोटाले में कुल 10 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

छत्तीसगढ़ से जुड़ा है झारखंड घोटाले का मॉडल
ACB की प्रारंभिक जांच में यह तथ्य सामने आया है कि झारखंड में किया गया यह घोटाला, छत्तीसगढ़ में पूर्व में हुए एक बड़े शराब घोटाले की तर्ज पर ही रचा गया था।

इसमें प्रिज्म होलोग्राफी कंपनी के एमडी विधु गुप्ता की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है। गुप्ता की एजेंसी ने टेंडर प्रक्रिया में फर्जी कर्मचारियों को दर्शाकर सरकारी फंड में भारी गबन किया। फर्जी वेतन दस्तावेज और मनगढ़ंत आंकड़ों के जरिए करोड़ों रुपए की हेराफेरी की गई।
विधु गुप्ता का नेटवर्क कई राज्यों में फैला
जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि विधु गुप्ता का नेटवर्क मल्टी-स्टेट लेवल पर फैला है। वह शराब ठेकेदारों, आबकारी अधिकारियों और मैनपावर एजेंसियों को प्रभावित व नियंत्रित करता था।
अतुल कुमार सिंह और मुकेश मनचंदा की गिरफ्तारी को ACB ने इस संगठित घोटालेबाज गिरोह की कड़ी पकड़ने में एक बड़ी सफलता बताया है।
अब रिमांड पर आगे की पूछताछ
गिरफ्तार दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर ACB रिमांड पर लेगी, जिससे यह उम्मीद की जा रही है कि घोटाले की पूरी साजिश, इसमें शामिल सरकारी और निजी चेहरों, और पैसे के प्रवाह का खुलासा हो सके।
यह मामला झारखंड तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके तार छत्तीसगढ़ जैसे अन्य राज्यों से भी जुड़ते नजर आ रहे हैं। ACB की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी, कई और चौंकाने वाले खुलासे और नई गिरफ्तारियां हो सकती हैं।