कब होगा संजय सिंह की गिरफ्तारी? कौन रोक रहा हैं,पुलिस या पर्दे के पीछे कोई और?
राज की बात – संजय सिँह को किसका संरक्षण?
“” मोहड़ गोलिकांड ” साजिश,, सत्ता और सन्नाटा
🖊️ शशिकांत सनसनी छत्तीसगढ़
राजनांदगांव के ग्रामीण वार्ड मोहड़ में बीते 11 जून को हुए सनसनीखेज गोलीकांड को लेकर अब यह सवाल मुखर होता जा रहा है कि क्या पुलिस संजय सिंह को बचा रही है? या फिर किसी “ऊपरी दबाव” के चलते पुलिस उसके गिरेबां तक हाथ नहीं पहुंचा पा रही है?
माह भर बाद भी मास्टरमाइंड फरार
पुलिस इस मामले में अब तक आठ आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है, लेकिन मुख्य सूत्रधार संजय सिंह आज तक गिरफ्त से बाहर है। इस बात से आमजन ही नहीं, राजनीतिक हलकों में भी अब सवाल उठने लगे हैं कि कहीं मामले को ठंडे बस्ते में डालने की तैयारी तो नहीं?
पुराने मामलों की तरह इसका भी होगा ‘फाइल क्लोज’?
पुलिस की यह ढीली कार्यशैली जनता को पुलिस भर्ती परीक्षा घोटाला और डोंगरगढ़ शराब घोटाले की याद दिला रही है — दोनों ही मामले अब लगभग भुला दिए गए हैं।
कांग्रेस भी खामोश, जांच रिपोर्ट का कोई अता-पता नहीं
घटना के बाद कांग्रेस ने पहले तो जोरदार हल्ला बोला। पीसीसी चीफ दीपक बैज स्वयं मोहड़ पहुंचे और पुलिस को 8 दिन का अल्टीमेटम दिया। एक छह सदस्यीय जांच समिति भी गठित की गई थी। कहा गया था कि 23 जून को रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी, लेकिन आज तक न तो रिपोर्ट आई और न ही कोई आंदोलन।
राजनीतिक संरक्षण या ‘डील’?
इस मामले को लेकर अब आम चर्चा यह है कि संजय सिंह को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि उसे ‘अभयदान’ देने की तैयारी की जा रही है और मामले में किसी अन्य को मुख्य आरोपी बनाकर फाइल बंद करने की स्क्रिप्ट लिखी जा रही है।
अब सवाल सीधा है:
क्या पुलिस और राजनीति मिलकर मास्टरमाइंड को बचा रहे हैं?
अगर ऐसा नहीं है, तो फिर:
संजय सिंह अब तक गिरफ्तार क्यों नहीं हुआ?
कांग्रेस अपनी जांच रिपोर्ट से जनता को क्यों वंचित रख रही है?
पुलिस की धीमी कार्रवाई पर जवाबदेही तय क्यों नहीं हो रही?
अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पुलिस इस हाईप्रोफाइल केस में सच में न्याय करती है या फिर यह मामला भी बाकी मामलों की तरह “समय के साथ भुला दिया जाएगा।”