

“
🔍 संक्षिप्त संपादकीय टिप्पणी व सुझाव:
- प्रस्तावना प्रभावी है, लेकिन पहले वाक्य को थोड़ा और सटीक बनाया जा सकता है:
“धर्म और समाज के प्रति जागरूकता किसी भी नगर की आत्मा होती है।”
👉 यह पंक्ति को और स्पष्ट किया जा सकता है —
“धर्म और सामाजिक जागरूकता ही किसी नगर की संस्कृति और चरित्र का निर्धारण करती है।”
- स्थलों की सूची में विविधता अच्छी है, पर एक वाक्य में थोड़ा लंबा होने से पठनीयता कम हो जाती है। सुझाव:
शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय, शीतला मंदिर, गुरुद्वारा, राम मंदिर, मस्जिद, मकबरा, चर्च और मठ —
👉 इन्हें दो वाक्यों में विभाजित करें और जोड़ें:
“शहर के धार्मिक स्थल जैसे शीतला मंदिर, गुरुद्वारा, राम मंदिर, मस्जिद, चर्च और मठ — केवल पूजास्थल नहीं हैं, बल्कि सामाजिक समरसता के प्रतीक हैं। वहीं, दिग्विजय महाविद्यालय जैसे शिक्षण संस्थान बौद्धिक विमर्श को दिशा देते हैं।
- “युवाओं की भूमिका अहम” खंड अच्छा है, लेकिन यह हिस्सा थोड़ा और व्यावहारिक हो सकता है। जैसे:
👉 “यदि युवा अपनी शक्ति और ऊर्जा को सही दिशा में लगाएं” को करें —
“यदि युवा धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों में नेतृत्व करें, तो…” - “त्योहारों में दिखती है एकता” भाग सराहनीय है। उसमें “धर्म नहीं, धार्मिक एकता बह रही है” — यह सुंदर वाक्य है। आप इसे और उभार सकते हैं जैसे:
👉 “यहां धर्म का नहीं, धार्मिक सह-अस्तित्व का प्रवाह है।” - अंतिम पैरा “संस्कारधानी” सिर्फ नाम नहीं…” बहुत अच्छा है।
👉 बस एक अंतिम पंक्ति जोड़ सकते हैं जो प्रेरणादायक हो:
“राजनांदगांव न केवल परंपराओं का पालक है, बल्कि नवयुग की चेतना का वाहक भी है।”
p