लकवाग्रस्त शिक्षक का आधा वेतन – बालोद में शिक्षा नहीं, भ्रष्टाचार की

📰 लकवाग्रस्त शिक्षक का आधा वेतन – बालोद में शिक्षा नहीं, भ्रष्टाचार की क्लास!

बालोद – छत्तीसगढ़ सरकार जहाँ रजत महोत्सव के जश्न में डूबी है, वहीं बालोद जिला शिक्षा विभाग ने भी एक अनोखा “महोत्सव” मना लिया है – भ्रष्टाचार महोत्सव। बीईओ हिमांशु मिश्रा पर आरोप है कि उन्होंने लकवाग्रस्त शिक्षक के वेतन का आधा हिस्सा जेब में डालने का “रिकॉर्ड तोड़ कारनामा” कर दिखाया। यह सुनकर पूरा जिला हैरान है, लेकिन प्रशासन इतना शांत है मानो यह सब “नियमित प्रक्रिया” हो।

अब बड़ा सवाल उठता है – कलेक्टर साहब कहाँ हैं?
क्या उन्हें इन सब की खबर नहीं? या खबर है, लेकिन “साइलेंस मोड” में हैं? आखिरकार बालोद में शिक्षा विभाग में हो रहे इस खुलेआम शोषण और भ्रष्टाचार पर कलेक्टर का मौन रहना, पूरे जिले के लिए सबसे बड़ा व्यंग्य है।

प्रधानपाठक शराब पीकर स्कूल आ रहा हो, शिक्षकों की तनख्वाह का हिस्सा अधिकारी हड़प रहे हों, शिकायतों की जांच फाइलों में दबाकर रखी जा रही हो, और जिला शिक्षा अधिकारी तक आदेशों को दरकिनार कर दिए जाएं – तो सवाल उठना लाजमी है कि कलेक्टर साहब की कुर्सी किस काम की?

क्या कलेक्टर का काम केवल कार्यक्रमों में फीता काटना, भाषण देना और प्रेस रिलीज़ जारी करना रह गया है?
या फिर शिक्षा विभाग का “भ्रष्टाचार मैनुअल” भी उनके संरक्षण में चल रहा है?

बालोद की जनता अब यह पूछ रही है –
👉 बच्चों का भविष्य शराब के नशे में डूबे प्रधानपाठकों के हवाले करना ही विकास है?
👉 लकवाग्रस्त शिक्षक का आधा वेतन डकार जाना ही सुशासन है?
👉 और कलेक्टर साहब का चुप रहना ही प्रशासनिक उपलब्धि है?

अगर यही “रजत महोत्सव” का तोहफा है, तो आने वाले स्वर्ण महोत्सव तक शिक्षा विभाग का क्या हाल होगा, इसकी कल्पना भी डराने वाली है।

बालोद की जनता का व्यंग्यात्मक सवाल – कलेक्टर साहब, क्या आपके जिले में शिक्षा पढ़ाई से चलती है, या घूसखोरी से?

✍️ लाल टोपी राजू सोनी
प्रदेश अध्यक्ष प्रेस रिपोर्टर क्लब छत्तीसगढ़ 8319361119