80 साल के बुजुर्ग बैठे भूख हड़ताल पर, जिला प्रशासन से न्याय की लगा रहे है गुहार

रिपोर्टर ओंकार शर्मा गरियाबंद, छत्तीसगढ़

गरियाबंद से एक संवेदनशील मामला सामने आया है, जहाँ 80 वर्षीय बुजुर्ग अहमद बेग न्याय की गुहार लगाते हुए भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। उनका आरोप है कि उन्हें उनके ही घर से जबरन बाहर निकाल दिया गया है। अहमद बेग ने 45 किलोमीटर दूर मैनपुर से जिला मुख्यालय तक का सफर तय किया, अब वे प्रशासन से मदद की उम्मीद कर रहे हैं।

गरियाबंद जिला मुख्यालय के सामने 80 साल के अहमद बेग अपनी पत्नी और परिजनों के साथ भूख हड़ताल पर बैठे हैं।
उनका आरोप है कि मैनपुर स्थित उनके घर पर उनके ही बड़े बेटे साजिद बेग और बहू परवीन बेग ने कब्जा कर लिया है। अहमद बेग कुछ समय के लिए बाहर गए थे, और लौटने पर उन्हें अपने ही घर में घुसने नहीं दिया गया।

इस मामले में पहले कोर्ट ने अहमद बेग के पक्ष में आदेश जारी किया था, और मैनपुर एसडीएम ने उन्हें घर का कब्जा भी दिलवाया था। लेकिन इसके बाद दोबारा उन्हें जबरन बाहर कर दिया गया।

अब उन्होंने जिला मुख्यालय में धरना देकर भूख हड़ताल शुरू की है। वे मांग कर रहे हैं कि प्रशासन उन्हें दोबारा उनके घर का अधिकार दिलाए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करे।

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले अमलीपदर निवासी मुरहा नागेश ने भी इसी तरह की समस्या के चलते आत्मदाह की चेतावनी दी थी, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया था।

“मेरे बड़े बेटे और बहू ने घर का ताला तोड़कर कब्जा कर लिया, मैं छोटा बेटा के साथ वहां रहता था। कोर्ट का आदेश भी है फिर भी मुझे निकाल दिया गया। अब भूख हड़ताल ही आखिरी रास्ता है।”

“बुजुर्ग के साथ इतना अन्याय हो रहा है, प्रशासन को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए, नहीं तो हम यहीं बैठे रहेंगे जब तक न्याय नहीं मिलता।”

अब देखना होगा कि प्रशासन अहमद बेग की इस मांग पर कितनी जल्दी प्रतिक्रिया देता है। क्या 80 साल की उम्र में न्याय की यह लड़ाई रंग लाएगी या फिर ये भूख हड़ताल और लंबी होगी?