शिक्षा विभाग श्रृंखला – 6

रिपोर्टर: शशिकांत सनसनी राजनांदगांव। छत्तीसगढ़
विधानसभा अध्यक्ष के गृह क्षेत्र राजनांदगांव में शिक्षा विभाग के अफसरों पर गंभीर वित्तीय अनियमितता और नियमों की अनदेखी के आरोप लगे हैं। छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिस्टोफर पॉल ने कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को शिकायत सौंपकर व्याख्याता मनोज सोनकलिहारी के खिलाफ फर्जी वेतन आहरण का मामला दर्ज करने की मांग की है।
शिकायत के अनुसार, स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय, राजनांदगांव (नगर निगम द्वारा संचालित) में मनोज सोनकलिहारी को नियम विरुद्ध पदस्थ कर दिया गया है, जबकि उनकी आधिकारिक नियुक्ति हाई स्कूल धौराभाठा में व्याख्याता के पद पर हुई थी। इस बीच शासन द्वारा धौराभाठा में किसी अन्य व्याख्याता को पदस्थ कर दिया गया, जबकि सोनकलिहारी का वेतन डोंगरगांव स्वामी आत्मानंद स्कूल के प्राचार्य के पद से निकल रहा है—जो कि न केवल नियमों के विरुद्ध है बल्कि सरकारी धन की भारी हेराफेरी को दर्शाता है।
पालक संघ के प्रदेश अध्यक्ष क्रिस्टोफर पॉल ने आरोप लगाया कि जिस विद्यालय में सोनकलिहारी का वेतन दर्शाया जा रहा है, वहां वे विगत एक वर्ष से पढ़ा भी नहीं रहे हैं। इसके बावजूद उनका वेतन निर्गत हो रहा है, और यह संपूर्ण प्रक्रिया बिना स्कूल प्रबंधन समिति की अनुमति के हो रही है, जबकि समिति के पदेन अध्यक्ष स्वयं कलेक्टर हैं। समिति की स्वीकृति के बिना किसी शिक्षक की पदस्थापना और वेतन भुगतान गंभीर वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है।
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जहां हर शिक्षक को जियो टैग फोटो ऐप के माध्यम से प्रतिदिन उपस्थिति दर्ज करनी होती है, वहां सोनकलिहारी का कोई भी फोटो रिकॉर्ड में मौजूद नहीं है। ऐसे में उनकी उपस्थिति किस स्कूल से भेजी जा रही है, और उनका वेतन कौन तैयार कर रहा है, यह एक बड़ा सवाल है।
पैरेंट्स एसोसिएशन की मांग है कि पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाए।