
रिपोर्ट: एस.एन. श्याम / अनमोल कुमार
स्थान: पटना, बिहार
बिहार में अपराध नियंत्रण पूरी तरह से विफल होता नजर आ रहा है। राजधानी पटना समेत राज्य के अन्य जिलों में हत्या, लूट और हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिससे आम जनता में भारी असुरक्षा का माहौल है। इधर, सरकार की चुप्पी और प्रशासन की निष्क्रियता पर भी सवाल उठ रहे हैं।
सात दिन में तीन हत्याएं, राजधानी थर्राई
केवल एक सप्ताह के भीतर राजधानी पटना में तीन व्यापारियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। चर्चित व्यवसायी गोपाल खेला हत्याकांड की गुत्थी अभी सुलझी भी नहीं थी कि रानी तालाब में बालू व्यवसायी रमाकांत यादव को बदमाशों ने गोलियों से छलनी कर मौत के घाट उतार दिया।
अब ताजा मामला रामकृष्ण नगर थाना क्षेत्र के पूर्वी अशोक चक इलाके का है, जहां शुक्रवार की देर रात लगभग 11:00 बजे किराना व्यवसायी विक्रम कुमार झा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। विक्रम झा मूलतः दरभंगा के लहेरियासराय के निवासी थे और परिवार सहित पटना में किराए के मकान में रहकर “तृष्णा मिनी मार्ट” नामक किराना दुकान चला रहे थे।
घटना के बाद स्थानीय लोगों ने घायल अवस्था में उन्हें इलाज के लिए एनएमसीएच (NMCH) पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
तीन बाइक सवारों ने की हत्या
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बाइक सवार तीन अज्ञात अपराधियों ने घटना को अंजाम दिया और मौके से फरार हो गए। हत्या के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल व्याप्त है। मृतक विक्रम झा को मिलनसार और सरल स्वभाव का व्यक्ति बताया गया, जिनकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी।
पुलिस जांच में जुटी, आक्रोशित है व्यापारी वर्ग
घटना की जानकारी मिलते ही सदर एसडीपीओ सत्यकाम समेत कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची और जांच प्रारंभ की। घटनास्थल और आसपास के क्षेत्रों में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। हालांकि, अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
व्यापारी वर्ग में भय और आक्रोश दोनों देखने को मिल रहे हैं। व्यापारियों का कहना है कि “अपराधी अब राजधानी में बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं, जबकि पुलिस केवल बयानबाज़ी में व्यस्त है।”
जनता का सवाल — कहाँ है सुशासन?
बिहार सरकार भले ही “सुशासन” का दावा करती हो, लेकिन राजधानी में बढ़ते अपराधों ने इस दावे की पोल खोल दी है। जनता त्राहिमाम कर रही है, और सुशासन बाबू (मुख्यमंत्री) आराम फरमा रहे हैं। पुलिस की निष्क्रियता और अपराधियों के मनोबल में वृद्धि ने लोगों के मन में असुरक्षा की भावना भर दी है।