
— रिपोर्ट: अनमोल कुमार,
मुहर्रम के अवसर पर आज़ाद वेलफेयर सेंटर, न्यू करीमगंज में आयोजित कार्यक्रम में संस्था के सचिव और प्रसिद्ध होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. के. के. क़मर ने समाज को इंसानियत, भाईचारा और अमन का पैग़ाम दिया। उन्होंने कहा कि “मुहर्रम महज़ मातम का महीना नहीं, बल्कि यह सत्य, न्याय और बलिदान की भावना को जीवित रखने वाला महीना है।”
डॉ. क़मर ने हज़रत इमाम हुसैन की कुर्बानी को याद करते हुए कहा कि कर्बला हमें यह सिखाती है कि झूठ और ज़ुल्म के खिलाफ खड़े रहना ही असली इंसानियत है। उन्होंने कहा कि आज का समाज जिस दौर से गुजर रहा है, उसमें नफरत की राजनीति और भेदभाव की विचारधाराएं इंसानियत को चोट पहुँचा रही हैं। ऐसे में मुहर्रम का संदेश हमें जोड़ने और समझाने का माध्यम बन सकता है।
युवाओं से खास अपील
डॉ. क़मर ने खासतौर पर युवाओं से आग्रह किया कि वे सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे नफरत भरे विचारों से दूर रहें और एक सच्चे इंसान के रूप में समाज को जोड़ने का कार्य करें। उन्होंने कहा, “युवाओं के पास समाज को बदलने की ताकत है — इसे नकारात्मकता में नहीं, सकारात्मकता में लगाएं।”
वेलफेयर सेंटर की ओर से शांति की अपील
इस अवसर पर आज़ाद वेलफेयर सेंटर की ओर से भी शहरवासियों को अमन, शांति और सौहार्द बनाए रखने का संदेश दिया गया। सेंटर ने मुहर्रम के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह मौका धार्मिक भावनाओं की अभिव्यक्ति के साथ-साथ सामाजिक समरसता का परिचायक होना चाहिए।
मुख्य बिंदु:
मुहर्रम पर इंसानियत और भाईचारे का संदेश
युवाओं को नफरत से दूर रहने की सलाह
सामाजिक एकता और न्याय की सीख
वेलफेयर सेंटर द्वारा अमन और शांति की अपील