पत्रकार को धमकी पर बवाल, प्रेस रिपोर्टर क्लब छत्तीसगढ़ की चेतावनी: “माफी मांगे कांग्रेस संचार प्रभारी, वरना बहिष्कार तय!”

रायपुर। कांग्रेस संचार प्रभारी सुशील आनंद शुक्ला द्वारा वरिष्ठ पत्रकार विप्लव दत्ता को भेजे गए कथित कानूनी नोटिस ने छत्तीसगढ़ के पत्रकार जगत को झकझोर दिया है। इस घटनाक्रम के बाद प्रेस रिपोर्टर क्लब छत्तीसगढ़ ने स्पष्ट ऐलान कर दिया है कि पत्रकारों को धमकाने की मानसिकता अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

पत्रकार विप्लव दत्ता द्वारा 16 जुलाई को प्रकाशित एक खबर, जिसमें सूत्रों के हवाले से सुशील आनंद शुक्ला की भूमिका को लेकर सवाल उठाए गए थे, उसी के बाद उन्हें नोटिस भेजा गया। प्रेस क्लब और अन्य पत्रकार संगठनों का कहना है कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है।

❝ माफी नहीं तो कांग्रेस की खबर नहीं! ❞

प्रेस क्लब के प्रदेश अध्यक्ष राजू सोनी, संगठन मंत्री शशिकांत राजनांदगाव जिला अध्यक्ष तुलसी गौतम सहित प्रदेश और जिला प्रतिनिधि ने तीखा रुख अपनाते हुए कहा है कि यदि कांग्रेस नेता पत्रकार से बिना शर्त माफी नहीं मांगते, तो प्रदेशभर के पत्रकार कांग्रेस की किसी भी खबर का कवरेज नहीं करेंगे। पत्रकारों की एकता इस मुद्दे पर अभूतपूर्व दिखाई दे रही है।

🔴 मीडिया को दबाने की कोशिश या लोकतंत्र पर हमला?

पत्रकार विप्लव दत्ता ने सफाई दी है कि उन्होंने खबर केवल सूत्रों के हवाले से दी थी, जो पत्रकारिता में मान्य और आम प्रक्रिया है। इसके बावजूद नोटिस भेजा जाना, मीडिया के अनुसार मानसिक दबाव डालने की कोशिश है।

🔍 पूर्व में भी विवादों में रहे हैं सुशील आनंद शुक्ला
महिला कांग्रेस की पूर्व प्रवक्ता राधिका खेड़ा द्वारा पहले भी शुक्ला पर गंभीर आरोप लगाए गए थे, जिसमें उनके व्यवहार पर सवाल उठाए गए थे। अब एक बार फिर वे पत्रकारों के निशाने पर हैं।
📝 राष्ट्रीय नेतृत्व को पत्र लिखने की तैयारी
पत्रकारों का कहना है कि वे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को पत्र लिखकर मांग करेंगे कि सुशील आनंद शुक्ला को उनके पद से हटाया जाए।

📢 अब सवाल उठता है…
क्या कांग्रेस अब भी असहमति से डरती है? क्या मीडिया को चुप कराने की ये एक और कोशिश है? पत्रकारों का साफ कहना है कि लोकतंत्र में सवाल उठाना गुनाह नहीं है।