बिहार बंद में प्रदर्शनकारियों का बवाल, पटना की सड़कों पर राहुल गांधी का मार्चचुनाव आयोग पर पक्षपात का आरोप, पुलिस और प्रदर्शनकारियों में झड़प

एस. एन. श्याम / अनमोल कुमार
पटना।
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजधानी पटना सोमवार को विपक्षी गठबंधन इंडिया के जबरदस्त प्रदर्शन का गवाह बना। मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया के विरोध में कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, तेजस्वी यादव सहित कई विपक्षी नेताओं ने चुनाव आयोग के खिलाफ जोरदार पैदल मार्च किया।

राहुल गांधी ने इनकम टैक्स गोलंबर से शहीद स्मारक होते हुए चुनाव आयोग कार्यालय तक मार्च की अगुवाई की। इस दौरान हजारों की संख्या में कांग्रेस, राजद और वामदलों के कार्यकर्ता शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने “वोट बचाओ – संविधान बचाओ” के नारे लगाए और संविधान की प्रतियां लहराईं।
चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप
राहुल गांधी ने कहा,

“यह मतदाता सूची पुनरीक्षण एक गहरी साजिश है, जिससे गरीब, दलित और अल्पसंख्यक वोटरों को लिस्ट से हटाया जा रहा है।”

तेजस्वी यादव ने भी आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा,

“गुजरात से आए अधिकारी बिहार के मतदाताओं का भाग्य तय नहीं कर सकते।”
पुलिस-प्रदर्शनकारियों में झड़प, सड़क पर आगजनी
मार्च के दौरान कई जगहों पर पुलिस ने बैरिकेड लगाए, जिसे तोड़ने की कोशिश में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें हुईं। पटना के जीरो माइल और गया मोड़ पर उग्र प्रदर्शन हुआ और सड़कों पर आगजनी की गई।
पटना के अलावा जहानाबाद, दरभंगा और गया में भी विपक्षी कार्यकर्ताओं ने रेल पटरियों पर प्रदर्शन कर यातायात को ठप कर दिया। पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया।
राजनीतिक और श्रमिक संगठनों का समर्थन
वाम दलों में भाकपा (माले) के दीपांकर भट्टाचार्य, सीपीएम के एम. ए. बेनी, सीपीआई के डी. राजा सहित कई नेताओं ने इस प्रदर्शन में भाग लिया।
श्रमिक संगठनों जैसे हिंद मजदूर सभा, इंटक, एटक, सीटू ने भारत बंद का समर्थन करते हुए चक्काजाम किया। इससे राजधानी समेत राज्यभर में जनजीवन प्रभावित रहा।
जिलों में भी व्यापक असर
राज्य के विभिन्न जिलों में भी बंद का व्यापक असर दिखा। गया में कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन मोहन श्रीवास्तव उर्फ अखौरीनाथ और रजनीश कुमार उर्फ चुन्नुजी के नेतृत्व में हुआ।