पाती नरेंद्र मोदी के नाम पंचायत सचिवों का

मान्यवर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी,सादर प्रणाम,

आपके नेतृत्व में देश को प्रगति की नई दिशा मिल रही है, और इसके साथ ही हमारे राज्य छत्तीसगढ़ में भी कई विकासात्मक कार्यों की उम्मीदें बढ़ी हैं। मैं छत्तीसगढ़ के पंचायत सचिवों की ओर से इस पत्र के माध्यम से अपनी संवेदनशीलता और यथासंभव समर्थन की अपेक्षा कर रहा हूँ। यह पत्र मुख्य रूप से पंचायत सचिवों के शासकीयकरण की मांग को लेकर है, जिसे आपके द्वारा घोषित किए गए वादे के तहत पूरा करने की अपेक्षा है।

पंचायत सचिवों का योगदान और संघर्ष

हम पंचायत सचिव, जो विगत 30 वर्षों से अपने कर्तव्यों का पालन करते आ रहे हैं, गांवों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। हम न केवल अपने विभाग के कार्यों का निष्पादन करते हैं, बल्कि विभिन्न सरकारी विभागों के 200 से अधिक कार्यों में भी सक्रिय रूप से योगदान दे रहे हैं। हमारी सेवाएं अनगिनत योजनाओं को सफल बनाने के लिए समर्पित हैं, जिससे राज्य में विकास की धारा निरंतर बह रही है।

हमारे कार्यक्षेत्र में न केवल प्रशासनिक, बल्कि सामाजिक, आर्थिक, और शिक्षा संबंधित कई जिम्मेदारियाँ भी शामिल हैं। इन सब के बावजूद, हमें उन सुविधाओं से वंचित किया गया है जो शासकीय कर्मचारियों को प्राप्त होती हैं। हमारे वेतन की स्थिति अत्यधिक संकटपूर्ण है और हमें शासकीय सेवक की मान्यता न मिलने के कारण, हम कई सरकारी लाभों से भी वंचित हैं।

सत्ताधारी पार्टी का वादा और उसकी स्थिति

चुनाव के दौरान, आपकी पार्टी ने ‘मोदी की गारंटी’ नामक घोषणा पत्र में पंचायत सचिवों के शासकीयकरण का वादा किया था। यह वादा न केवल हमारे लिए एक आशा की किरण था, बल्कि हमारी दिन-प्रतिदिन की मेहनत और संघर्ष का सम्मान भी था। राज्य के माननीय मंत्रियों द्वारा इस घोषणा को प्रमुख रूप से प्रचारित किया गया था और कहा गया था कि इस वादे को सरकार बनने के 100 दिनों के भीतर पूरा किया जाएगा।

इस आश्वासन से हम सभी पंचायत सचिव अत्यंत उत्साहित थे और हम इस वादे को पूरा होते हुए देखने के लिए आशान्वित थे। लेकिन दुर्भाग्यवश, सरकार बनने के एक वर्ष बाद भी इस वादे को पूरा नहीं किया गया है। न केवल यह कि शासकीयकरण की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई, बल्कि इस विषय पर किसी प्रकार की ठोस जानकारी भी नहीं दी गई है।

समिति गठन और उसके परिणाम

माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी ने हमारी मांग के संदर्भ में 7 जुलाई 2024 को एक समिति का गठन किया था, जिसे 1 माह के भीतर रिपोर्ट शासन को सौंपने का निर्देश दिया गया था। लेकिन 8 महीने बीत जाने के बाद भी उस समिति की रिपोर्ट हमें प्राप्त नहीं हो पाई है। इस प्रकार, हमारी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है और हमें यह महसूस हो रहा है कि हमारी मेहनत और योगदान को नजरअंदाज किया जा रहा है।

पंचायत सचिवों की स्थिति और भविष्य की चिंता

हमारे जैसे समर्पित कर्मचारी जो पूरे मनोबल से काम कर रहे हैं, उन्हें शासकीयकरण का लाभ न मिलना बेहद दुखद है। हम न केवल अपनी मेहनत से राज्य और देश के विकास में योगदान दे रहे हैं, बल्कि इस कार्य के साथ-साथ अपने परिवारों का पालन-पोषण भी कर रहे हैं। हमारे कई साथी अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं और कई साथी शीघ्र सेवानिवृत्त होने वाले हैं। इन कर्मचारियों के पास अपने भविष्य के लिए कोई पेंशन या सामाजिक सुरक्षा योजना नहीं है, क्योंकि हम शासकीय कर्मचारियों की श्रेणी में नहीं आते।

हमारे लिए यह स्थिति अत्यधिक चिंताजनक है। हमारी सेवा की कोई पहचान नहीं है और हमें किसी भी प्रकार की सरकारी सुविधाएं नहीं मिलतीं। यह हमारे भविष्य के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है, और यही कारण है कि हम बार-बार अपनी मांगों को उठाते रहे हैं।

सत्ताधारी पार्टी के वादे की अनदेखी

चुनाव में आपकी पार्टी ने हमारे शासकीयकरण के वादे को प्रमुखता से उठाया था और इसे ‘मोदी की गारंटी’ में शामिल किया था। यह वादा चुनाव के दौरान हमें बड़ी उम्मीदें दी थी, लेकिन अब जब वह वादा पूरा नहीं हो पा रहा है, तो हमारे भीतर निराशा का माहौल है। हमारी मेहनत और सेवा को उचित सम्मान मिलना चाहिए, और शासकीयकरण हमारे अधिकारों की प्राप्ति का एक प्रमुख माध्यम है।

हमारी अपील

अतः हम माननीय प्रधानमंत्री जी से करबद्ध निवेदन करते हैं कि हम पंचायत सचिवों के शासकीयकरण की हमारी उचित मांग को शीघ्र पूरा किया जाए। यह वादा आपकी पार्टी ने चुनाव के दौरान किया था, और हम यह उम्मीद करते हैं कि हमारी सेवा और संघर्ष को मान्यता दी जाएगी। हम सभी पंचायत सचिव परिवार इस समर्थन और वादे को पूरा करने के लिए सदैव आपके आभारी रहेंगे।

हम मानते हैं कि जैसे रघुकुल की परंपरा में वचन को सर्वोपरि माना जाता है, वैसे ही हमें विश्वास है कि आपके नेतृत्व में यह वचन पूरा होगा।

“रघुकुल रीत सदा चल आई, प्राण जाई पर वचन न जाई”

हमारा केवल एक ही उद्देश्य है – हमें शासकीयकरण का अधिकार मिले, ताकि हम अपने कर्तव्यों का पालन और भी बेहतर तरीके से कर सकें और हमारे साथियों को भी उनके भविष्य के लिए स्थिरता मिल सके।
आपका आभारी, पंचायत सचिव छत्तीसगढ़