उत्तम कोसरीया – संघर्ष, सेवा और सादगी का एक सफ़र
लाल टोपी राजू सोनी, राजनांदगांव
नगर निगम राजनांदगांव के निवासी उत्तम कोसरीया का जीवन संघर्ष, सेवा और सादगी का प्रतीक रहा। विद्यार्थी जीवन में वे शिक्षा के साथ खेलकूद में भी आगे रहे — हॉकी के उम्दा खिलाड़ी बने, एनसीसी के कैडेट के रूप में कई राज्यों के शिविरों में प्रतिनिधित्व किया। योग्यता होने के बावजूद सेना और पुलिस में चयन नहीं हुआ, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
घर के बड़े बेटे होने के नाते जिम्मेदारियों का बोझ उठाते हुए एलएलबी कर वकालत में किस्मत आजमाई। राजनीति में कदम रखा और पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा को अपने वार्ड और शहर में लीड दिलाने में अहम भूमिका निभाई। मगर, अपेक्षित सम्मान न मिलने पर कांग्रेस को अलविदा कहकर डॉ. रमन सिंह के विचारों से प्रभावित होकर भाजपा में शामिल हुए। 20 वर्षों तक भाजपा वार्ड अध्यक्ष के रूप में संगठन को मजबूत किया।
एक स्वतंत्र विचारधारा के साप्ताहिक समाचार पत्र के संपादक के रूप में भी वे सक्रिय रहे। नगर में लोग उन्हें एक कुशल इलेक्ट्रिशियन के रूप में भी पहचानते थे। फोन आने पर वे बिना किसी स्वार्थ के लोगों के घर जाकर छोटे-बड़े कार्य निपटा देते और मदद करते।
लेकिन अफसोस, 20 वर्षों की निस्वार्थ सेवा के बावजूद उनकी अंतिम यात्रा में भाजपा के बड़े नेता नदारद रहे। एक बुखार ने उन्हें हमसे छीन लिया। उनकी सादगी, संघर्ष और सेवा की कमी अब नगरवासियों को खल रही है।
महाविद्यालय के दिनों के साथी, पत्रकारिता के सहयोगी और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में उनकी स्मृतियां हमेशा जीवित रहेंगी। आज महाविद्यालय के मुख्य द्वार से गुजरते हुए हर कोई यही सोचता है — “उत्तम अब कब आएगा?”